
घूस लेता हुआ प्रधान आरक्षक
मध्य प्रदेश के अनूपपुर से एक मामला सामने आ रहा हैं जहां पुलिसकर्मी को घूस लेना महंगा पड़ गया। दरअसल एक महिला ने अनूपपुर जेल में बंद अपने पति से मिलने के लिए गई तो वहां उसे पता चला कि जेलर की डिमांड पर जेल प्रहरी को घूस मांग रहा है। महिला ने बड़ी चालाकी से घूसघोरी का एक वीडियो चुपचाप बना लिया, जो अब सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है।
पति से मिलने गई थी महिला
पूरा मामला शहडोल संभाग के अनूपपुर जिला जेल का है। जहां जेल में पदस्थ प्रधान आरक्षक पर कैदियों से मिलने आए परिजनों से कथित प्रधान आरक्षक जेलर की जेब भरने के लिए लोगों से जेल में खुलेआम पैसा वसूल रहा था, इस बात का खुलासा तब हुआ जब शहडोल जिले के बुढार की रहने वाली एक कैदी से मिलने आई तो उससे भी रुपये की मांग की गई, यह बात महिला का नागंवार गुजरी और इस पूरे वाकये का उसने वीडियो बना लिया। महिला शहडोल जिले के बुढार सरईकापा की रहने वाली है, वह अपने पति से मिलने अनूपपुर जिला जेल पहुंची थी, उससे प्रधान आरक्षक एम.एस ठाकुर द्वारा पैसे मांगा गया। बता दें कि महिला का पति NDPS एक्ट के तहत जेल में बंद है।
मांगे थे 2200 रुपये
महिला के अनुसार, जेल के मुख्य गेट पर मौजूद प्रधान आरक्षक ने उनसे 2,000 रुपए जेलर साहब के नाम पर और अतिरिक्त 200 रुपए अपने नाम पर मांगे। महिला ने होशियारी दिखाते हुए घूस लेते समय प्रधान आरक्षक का वीडियो बना लिया। महिला ने बताया कि प्रधान आरक्षक बैच नंबर 107, एम.एस. ठाकुर जेल में बंद कैदियों से मुलाकात करवाने और वीआईपी व्यवस्था दिलवाने के नाम पर परिजनों से हजारों रुपए की मांग करता था।
घूस लेता हुआ प्रधान आरक्षक
महिला ने प्रधान आरक्षक के पैसा लेने का वीडियो अपने कैमरे में कैद कर लिया, जिसमें प्रधान आरक्षक जेलर के नाम पर 2000 व खुद के लिए 200 रुपये मांगते नजर आ रहे हैं। वीडियो में साफ तौर पर प्रधान आरक्षक को पैसे लेते हुए देखा जा सकता है, जिससे जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
जेल अधीक्षक ने किया सस्पेंड
इसके बाद मामले पर संज्ञान में लेते हुए जेल अधीक्षक केंद्रीय जेल रीवा ने घूसखोर प्रधान आरक्षक प्रहरी मुकेश ठाकुर को निलंबित करते हुए मुख्यालय सब जेल त्यौंथर का रास्ता दिखा दिया है। मामले में प्रधान आरक्षक को निलंबित कर जेलर ने खुद को पाक-साफ साबित करने की कोशिश की है। सवाल यह उठता है कि क्या प्रधान आरक्षक की इतनी हिम्मत हो सकती थी कि वह जेलर की शह के बिना जेल खुलेआम जेलर के नाम पर अवैध वसूली कर सके? वहीं, इस पूरे मामले में जिला जेलर इंद्रदेव तिवारी ने बताया कि जेल परिसर में पैसा लेने वाले प्रहरी मुकेश सिंह ठाकुर को सस्पेंड कर मुख्यालय सब जेल त्यौंथर भेज दिया गया है।
(रिपोर्ट- विशाल खंडेलवाल)
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