
हरियाणा में 54 लाख से भी ज्यादा कामगार पोर्टल पर रजिस्टर्ड हो चुके हैं।
चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स सहित असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को ई-श्रम पोर्टल के दायरे में लाने के लिए 7 से 17 अप्रैल तक पूरे प्रदेश में रजिस्ट्रेश न अभियान चलाया है। केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा विकसित यह पोर्टल असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए राष्ट्रीय डेटाबेस है, जो उन्हें औपचारिक पहचान और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तक पहुंच प्रदान करता है। बता दें कि हरियाणा इस अभियान में आगे रहा है, जहां अब तक 54 लाख से भी ज्यादा कामगार पोर्टल पर रजिस्टर्ड हो चुके हैं।
10 दिनों में सरकार ने लगाई पूरी ताकत
हरियाणा के श्रम विभाग ने 10 दिनों के इस अभियान के दौरान व्यापक जागरूकता और रजिस्ट्रेशन गतिविधियां आयोजित कीं। सभी जिलों में कैंप लगाए गए, जहां आधार सत्यापन और रजिस्ट्रेशन की तत्काल सुविधा उपलब्ध कराई गई। इस कैंपेन को सफल बनाने के लिए प्रिंट मीडिया, पर्चे वितरण, सार्वजनिक घोषणाएं, घर-घर जागरूकता, सोशल मीडिया और स्थानीय निकायों व श्रम कल्याण अधिकारियों के साथ समन्वय जैसे कदम उठाए गए। प्लेटफॉर्म एग्रीगेटर्स से भी संपर्क कर उनके गिग वर्कर्स को अभियान में शामिल करने के लिए प्रेरित किया गया।
4 लाख तक का बीमा, 3 हजार की पेंशन
एक बार रजिस्टर्ड होने के बाद श्रमिक कई तरह के लाभों के लिए पात्र हो जाते हैं, जिसमें प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत 2 लाख रुपये का जीवन बीमा और आयुष्मान भारत के तहत 5 लाख रुपये तक का फैमिली हेल्थ कवर शामिल है। ये सारे लाभ पात्रता पर निर्भर करते हैं। बयान के मुताबिक, श्रमिक 60 वर्ष की आयु तक पहुंचने पर प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना के तहत 3000 रुपये प्रति माह पेंशन का भी लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
गिग वर्कर्स किन्हें कहते हैं?
गिग वर्कर्स (Gig Workers) वे लोग हैं जो पारंपरिक पूर्णकालिक नौकरी के बजाय अल्पकालिक, स्वतंत्र या कॉन्ट्रैक्ट पर आधारित कार्य करते हैं। ये कार्य आमतौर पर प्रोजेक्ट-बेस्ड और अस्थायी होते हैं, जो अक्सर डिजिटल प्लेटफॉर्म्स (जैसे ऊबर, ओला, स्विगी, जोमैटो, फ्रीलांसर आदि) के जरिए प्राप्त किए जाते हैं। गिग वर्कर्स अपने कार्य के समय और स्थान को स्वयं चुन सकते हैं। इसमें ड्राइवर, डिलीवरी पर्सन, फ्रीलांस लेखक, डिज़ाइनर, या ऑनलाइन ट्यूटर जैसे कई प्रकार के काम शामिल हैं। इसमें भुगतान प्रति कार्य, घंटे, या प्रोजेक्ट के आधार पर होता है, न कि मासिक वेतन के रूप में।
