April 22, 2025 9:03 pm

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India Vs Pak: उदारवादी भारत से हर बार टकराई पाकिस्तान की कट्टरवादी सोच, जयशंकर और मुनीर के ताजा बयानों से समझ आ जाएगा अंतर

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाक आर्मी चीफ असीम मुनीर।
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भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाक आर्मी चीफ असीम मुनीर।

नई दिल्लीः भारत और पाकिस्तान भले एक ही स्रोत से फूटी दो धाराओं की तरह हों, मगर अब दोनों देशों की सोच और विचारधारा में उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव की तर्ज पर बेमेल अंतर हो चुका है। भारत की सोच जहां उदारवादी, समस्त तु वसुधैव कुटुंबकम और सर्वधर्म संभाव की है, तो वहीं पड़ोसी पाकिस्तान अपनी कट्टरवादी इस्लामिक और आतंकी सोच के चलते दुनिया में कुख्यात है। भारत ने पाकिस्तान को अच्छा पड़ोसी बनने का बार-बार मौका दिया, यहां तक कि उसके नापाक मंसूबों और आतंकी साजिशों तक को भुलाकर भी उसे गले लगाने का अवसर दिया, मगर पाकिस्तान उस विषकुंभ की तरह बर्ताव करता रहा, जिसके सिर्फ मुख पर ही नहीं, बल्कि पूरे घड़े में ही जहर ही जहर भरा हो। पाकिस्तानी सेना के चीफ असीम मुनीर के ताजा बयानों और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की टिप्पणियों से दोनों देशों की सोच के विशाल अंतर को समझा जा सकता है।

पाकिस्तान की सोच भारत के प्रति न सिर्फ दुश्मनी वाली रही, बल्कि वह हमेशा आतंकी घटनाओं के जरिये जख्मों पर जख्म देता रहा। पाकिस्तान भारत के हिंदुओं को अपना दुश्मन मानता है, जबकि भारत उसे अपना बिछड़ा हुआ भाई की संज्ञा देता आया है। हद तो तब हो गई, जब पाकिस्तान के आतंकियों ने 26/11/2008 को मुंबई में भारत के सबसे बड़े आतंकी हमले को अंजाम दिया। इसके बावजूद उदारवादी भारत उससे सिर्फ उन आतंकियों और उनके पाक में बैठे आकाओं पर कार्रवाई के लिए मिन्नतें करता रहा, जिन्होंने इतनी बड़ी साजिश रची थी। मगर जहरीले पाकिस्तान के अंदर दिल था ही कहां, उसने तो भारत को एक के बाद एक आतंकी घटनाओं से दहलाने की मानो प्रतिज्ञा कर रखी हो और इसी को अपना पेशा बना लिया हो। 

पाकिस्तानी सेना भी भारत के खिलाफ आतंकियों को देती रही पनाह

हद तो तब हो गई, जब पाकिस्तान की सेना भी आतंकवादियों को भारत में हमले करने के लिए पालती-पोषती रही, उन्हें मिलिट्री ट्रेनिंग देती रही, उन्हें घुसपैठ में मदद करवाती रही और भारत में होने वाले हर आतंकी हमले के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई आतंकियों को अहम इनपुट देती रही। 

पूर्व पीएम अटल जी और प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान को दिया अच्छा पड़ोसी बनने का मौका

तमाम घटनाओं के बावजूद भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्ऱफ के साथ दोनों देशों में दोस्ती बढ़ाने का प्रयास किया और दिल्ली से इस्लामाबाद की बस सेवा तक शुरू की। मगर फरेबी पाकिस्तान ने 1999 में भारत के कारगिल में घुसपैठ करके हमला कर दिया। इसके बाद मुंबई हमले समेत कई आतंकी वारदातों को अंजाम दिया। कश्मीर में अक्सर आतंकी हमले करते रहे। इसके बावजूद नरेंद्र मोदी जब प्रधानमंत्री बने तो अपने शपथ ग्रहण में न सिर्फ पड़ोसी पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ को बुलाया, बल्कि विदेश दौरे से लौटते वक्त प्रोटोकॉल तोड़कर सीधे नवाज शरीफ के घर तक गए। ताकि पाकिस्तान अच्छा पड़ोसी बन सके। मगर वह अपनी सोच को कभी नहीं बदल सका। 

पीएम मोदी की ओर से दोस्ती का हाथ बढ़ाने के बाद भी पुलवामा में हमला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से पाकिस्तान के लिए दोस्ती का हाथ बढ़ाने के बाद भी उसने पहले जम्मू-कश्मीर राज्य के उरी में आतंकी हमला किया। इसके बाद फिर पुलवामा में फरवरी 2019 में सीआरपीएफ के कैंप पर बड़ा आतंकी हमला किया, जिसमें 40 से ज्यादा भारतीय जवान मारे गए। इसके बाद भारत और पीएम मोदी के सब्र का बांध टूट गया। भारत ने इन दोनों हमले का बदला पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक करके लिया। तब से भारत ने भी पाकिस्तान की कट्टरवादी, इस्लामिक और आतंकी सोच वाला और कभी न सुधरने वाला पड़ोसी मानकर उसे उसके ही हाल पर छोड़ दिया। 

पाकिस्तानी सेना के चीफ ने फिर भारत के खिलाफ उगला जहर

पाकिस्तान की कट्टरवादी सोच का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि हाल ही में पाक आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर ने भारत और हिंदुओं के प्रति जहर उगला है। जनरल मुनीर ने प्रवासी पाकिस्तानियों के सम्मेलन में कहा, “हमारे पूर्वजों का मानना ​​था कि हम जीवन के हर संभव पहलू में हिंदुओं से अलग हैं। हमारा धर्म अलग है। हमारे रीति-रिवाज अलग हैं। हमारी परंपराएं अलग हैं। हमारे विचार अलग हैं। हमारी महत्वाकांक्षाएं अलग हैं। यही द्वि-राष्ट्र सिद्धांत की नींव थी। यह इस विश्वास पर आधारित था कि हम एक नहीं, बल्कि दो राष्ट्र हैं।” इसलिए अपने बच्चों को यह जरूर बताएं। जनरल मुनीर के इस बयान से साफ है कि पाकिस्तान सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि यहां के हिंदुओं से भी नफरत करता है और अपनी आगामी पीढ़ियों में भी वही जहर भरना चाहता है। 

जयशंकर ने पाकिस्तान पर दिया ये बयान

भारतीय विदेश मंत्री से जब यह पूछा गया कि पहले हर बात में पाकिस्तान का जिक्र होता था, मगर अब कुछ वर्षों से उसकी चर्चा तक नहीं होती तो उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पर बात करना अपना समय खराब करना है। जयशंकर ने कहा कि अब तक पाकिस्तान अफगानिस्तान और तालिबान के नाम पर डबल गेम खेलकर अमेरिका से काफी कमाई की, लेकिन अब अमेरिका के जाने से उसका वह खेल भी खत्म हो गया। जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान ने जिन आतंकियों को पाला है, अब वह उसे ही डस रहे हैं। जयशंकर का यह बयान उसी ओर इशारा करता है कि भारत ने उसे पड़ोसी प्रथम की दृष्टि से कई बार दोस्ती और सुधरने का मौका दिया, मगर उसकी सोच में आतंकवाद है, उसकी सोच में कट्टरता है, उसकी सोच में इस्लामिक मूवमेंट है। इसलिए वह कभी नहीं सुधर सकता। फिर ऐसे पड़ोसी के बारे में बात करके अपना समय क्यों खराब करना। 

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Author: Amogh News

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