
हज यात्रा
हज के लिए सऊदी अरब जाने वाले हजारों भारतीय वीजा का इंतजार कर रहे हैं। निजी ऑपरेटरों को लाखों रूपये देने के बावजूद इन लोगों की परेशानी जस की तस बनी हुई है। कई साल से इंतजार कर रहे लोगों को नहीं पता कि सालों के इंतजार और लाखों के खर्च के बावजूद उन्हें हज में जाने का मौका मिलेगा या नहीं। इसकी वजह से सऊदी अरब का हज के लिए भारत के निजी कोटे में बड़ी कटौती करना। इसके लिए सरकार और निजी ऑपरेटर एक-दूसरे को कोस रहे हैं, लेकिन समाधान किसी के पास नहीं है। हालांकि, भारत सरकार के कहने पर 10 हजार लोगों का कोटा बढ़ाया गया है, लेकिन अभी भी हजारों लोगों की उम्मीदें टूटना तय है। यहां हम बता रहे हैं कि कि सऊदी अरब हर साल, हर देश के लिए किस आधार पर हज का कोटा तय करता है।
हर साल दुनिया भर से लाखों मुसलमान हज की आध्यात्मिक यात्रा पर मक्का के लिए निकलते हैं। मक्का इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है। तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या के कारण सऊदी अरब को लोगों के खाने और रहने का इंतजाम करने में परेशानी होती है। इसी वजह से हर देश के लिए कोटा तय किया गया। ताकि सीमित तीर्थयात्री मक्का पहुंचें और किसी को परेशानी न हो।
इस साल 4-9 जून के बीच होगी हज यात्रा
इस साल हज यात्रा 4 से 9 जून के बीच होनी है। हालांकि, सऊदी अरब ने अचानक भारत के निजी हज कोटे में 80% की भारी कटौती कर दी, जिससे पूरे देश में हलचल मच गई है। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विदेश मंत्रालय से त्वरित कार्रवाई का आग्रह किया। एक दिन के भीतर विदेश मंत्रालय के प्रयासों के चलते सऊदी अरब के अधिकारियों ने भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए 10,000 अतिरिक्त वीजा बहाल करने पर सहमति जताई, जिससे तीर्थयात्रियों को राहत मिली है।
कैसे तय होता है हज कोटा?
दुनिया के सबसे बड़े वार्षिक धार्मिक समागमों में से एक हज में हर साल 20 लाख से ज्यादा मुसलमानों मक्का पहुंचते हैं। इस दौरान छह दिन तक चलने वाली हज यात्रा में कई रस्में शामिल होती हैं। इनमें 180 से ज्यादा देशों के हज यात्री शामिल होते हैं। इन्हें संभालने के लिए ही हर देश का कोटा तय किया जाता है। यह कोटा हर देश में मुस्लिम आबादी के आधार पर होता है। इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 1980 के दशक में इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने अपनाया था और तब से सऊदी अरब इसका पालन करता आ रहा है। हज कोटा प्रणाली के तहत किसी भी देश में प्रति 1,000 मुसलमानों पर एक तीर्थयात्री या प्रति 10 लाख आबादी पर 1,000 तीर्थयात्रियों का कोटा मिलता है। सबसे अधिक आबादी वाले मुस्लिम बहुल देश इंडोनेशिया को सबसे ज्यादा 2.5 लाख तीर्थयात्रियों का कोटा मिलता है।
हज यात्रा में भारत का कोटा
भारत में 20 लाख से ज्यादा मुसलमान रहते हैं और सऊदी अरब के साथ द्विपक्षीय समझौते के तहत भारत को 2023 और 2024 दोनों के लिए कुल 1,75,025 हज कोटा आवंटित किया गया था। यह कोटा भारत की हज समिति के बीच साझा किया जाता है। भारत से इस साल लगभग 1.75 लाख लोग हज पर जाने वाले थे। इनमें से करीब 1.22 लाख हज कमेटी के जरिए जाएंगे और इनका हज यात्रा पर जाना पक्का है, लेकिन लगभग 52,500 लोग निजी ऑपरेटर के जरिए हज यात्रा पर जाने वाले थे। इनमें से बड़ी संख्या में लोगों को निराशा हाथ लगी है। हालांकि, अभी भी यह तय नहीं है कि किसे हज यात्रा पर जाने का मौका मिलेगा और किसे नहीं मिलेगा।
