निजी क्षेत्र के अग्रणी बैंक, इंडसइंड बैंक के सीईओ और एमडी सुमंत कठपालिया ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इंडसइंड बैंक ने एक नियामक फाइलिंग में इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि कठपालिया ने 29 अप्रैल, 2025 को अपने पत्र के जरिये 29 अप्रैल, 2025 को कार्य समय की समाप्ति से बैंक की सेवाओं से इस्तीफा दे दिया है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, कठपालिया ने बैंक के बोर्ड को संबोधित इस्तीफा पत्र में कहा कि मैं नैतिक जिम्मेदारी लेता हूं, क्योंकि मेरे संज्ञान में विभिन्न कार्य/चूक के मामले लाए गए हैं। मैं अनुरोध करता हूं कि आज कार्य समय की समाप्ति पर मेरे इस्तीफे को रिकॉर्ड में लिया जाए।
भारतीय रिजर्व बैंक से मंजूरी मांगी
खबर के मुताबिक, सुमंत कठपालिया ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में ऋणदाता को 1,960 करोड़ रुपये की लागत वाले लेखांकन चूक के मद्देनजर तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया। फाइलिंग में कहा गया है कि बोर्ड ने बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के कर्तव्यों, भूमिकाओं और जिम्मेदारियों का निर्वहन करने के लिए एक अंतरिम अवधि के लिए ‘कार्यकारी समिति’ गठित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से मंजूरी मांगी है, जब तक कि बैंक द्वारा एक स्थायी सीईओ की नियुक्ति नहीं की जाती है।
इन अधिकारियों ने पहले ही दे दिया था इ्स्तीफा
आपको बता दें, इससे पहले बैंक के डिप्टी सीईओ अरुण खुराना ने सोमवार को अपना इस्तीफा दे दिया था। एक अन्य प्रमुख प्रबंधकीय कार्मिक मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) गोविंद जैन ने इस घटना से पहले जनवरी में इस्तीफा दे दिया था। इस सप्ताह की शुरुआत में बैंक ने सूचित किया था कि बैंक द्वारा नियुक्त बाहरी लेखा परीक्षक ने 31 मार्च तक पी एंड एल पर 1,959. 98 करोड़ रुपये का संचयी प्रतिकूल लेखांकन प्रभाव निर्धारित किया है, जो 15 अप्रैल को बताई गई राशि के समान है।
बैंक ने लेखांकन चूक की सूचना दी थी
बीते 15 अप्रैल को, इंडसइंड बैंक ने एक अन्य बाहरी एजेंसी की आधार रिपोर्ट का खुलासा किया कि डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में लेखांकन चूक से इसके निवल मूल्य पर 1,979 करोड़ रुपये का नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। बैंक ने डेरिवेटिव सौदों से संबंधित विसंगतियों के कारण दिसंबर 2024 तक अपने निवल मूल्य पर 2.27 प्रतिशत का प्रतिकूल प्रभाव (कर-पश्चात आधार पर) का आकलन किया है। बैंक ने पिछले महीने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में लेखांकन चूक की सूचना दी थी, जिसका दिसंबर 2024 तक बैंक के निवल मूल्य पर लगभग 2.35 प्रतिशत का प्रतिकूल प्रभाव पड़ने का अनुमान है।
