
फिल्म का सीन।
बॉलीवुड में हर साल कई फिल्में बनती हैं, जो कमाई के मामले में फिसड्डी साबित होती हैं। बाद में यही फिल्में ओटीटी और सिटकॉम पर लोगों की पसंदीदा बन जाती हैं। कई फिल्में भले ही बड़े पर्दे पर न चलें, लेकिन देर से ही सही कल्ट का दर्जा हालिस कर लेती हैं। ऐसी ही एक फिल्म थी जिसकी शूटिंग में 10 साल लगे और 21 सालों से इसे बनाने की तैयारी चल रही थी। इस फिल्म में कोई बड़ा नामी एक्टर नहीं था। ऐसे में फिल्म को बनाने से प्रोड्यूसर ने मना कर दिया। जैसे-तैसे ये फिल्म बन तो गई, लेकिन सिनेमाघरों में इसे दर्शक ही नहीं बने और फिर ओटीटी ने इस फिल्म को सुपरहिट बना दिया। इस फिल्म की कहानी में असल मसाला और दम था।
फिल्म की कहानी ने लोगों की जिंदगी पर डाला असर
यह फिल्म कोई और नहीं बल्कि ‘तुम्बाड’ है। फिल्म की कहानी में लालच और धोखा तो दिखाया ही गया। साथ ही रिश्तों का फायदा उठाने का सिलसिला भी फिल्म में जारी रहा और इसी निगेटिव कहानी का असर फिल्म बनाने वाली कास्ट और क्रू पर भी पड़ा। इस सेट पर कई पुराने रिश्ते टूट गए। एक की सेट पर शादी हुई और टूट भी गई। कई सालों पुराने दोस्त बिछड़ गए। कई ऐसे दोस्त भी रहे जिन्होंने अपनी लंबी दोस्ती को ताक पर रख दिया और गहरे संबंधों को खत्म कर दिया। इस बारे में फिल्म में काम करने वाला कॉस्ट्यूम डिजाइनर और फोटोग्राफर श्रिति बनर्जी ने बात की है। उन्होंने अपना खराब अनुभव लोगों के साथ साझा किया और बताया किस तरह से फिल्म की निगेटिव एनर्जी लोगों में भर गई।
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सामने आया अनुभव
उन्होंने कहा, ‘मैंने अपनी जिंदगी के 10 साल उस फिल्म के सेट पर बिताए। उस फिल्म की शूटिंग के दौरान ही मेरी शादी हुई और मेरा तलाक भी उसी फिल्म के दौरान ही हो गया। उस फिल्म के सेट पर ही एनर्जी अच्छी नहीं थी। पूरी फिल्म ही निगेटिव इमोशन्स वाली थी। जलन की भावना, ग्रीड, सेल्फिशनेस और कनिंग, जैसे रवैयों की इस फिल्म में भरमार थी और धीरे-धीरे ये भाव वहां मौजूद लोगों में ट्रांसफर हो रहे थे। इस फिल्म का पूरा क्रू खराब एनर्जी को एब्सॉर्ब कर रहा था। आप देख सकते थे किस तरह से क्रू और टेक्नीशियन्स बर्ताव कर रहे थे। इस फिल्म को बनाने वाले बहुत से लोग बेस्ट फ्रेंड्स थे। कई लोग बचपन के दोस्त थे। मैं और मेरा पति था। हर किसी के रिश्ते टूट गए। ये बहुत हैरान करने वाला था, लेकिन ये सच में सभी के रिश्ते टूट गए। बहुत ही कम रिश्ते थे जो अंत तक बचे रहे।’
फिल्म को बनाने में लगा काफी वक्त
बता दें, यह पहली बार साल 2008 में बननी शुरू हुई। फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी को मुख्य भूमिका में लिया गया था। अचानक ही निर्माता फिल्म बनाने से पीछे हट गए और इस कारण फिल्म बीच में ही रुक गई। ‘तुम्बाड’ साल 2012 में फ्लोक पर आ गई थी। फिर प्रोडक्शन के दौरान अनिल इससे संतुष्ट नहीं थे। फिल्म को साल 2015 में फिर से लिखा और शूट किया गया। अनिल बर्वे के अनुसार कई निर्माताओं ने इस फिल्म को बनाने से मना कर दिया। फिल्म को 5 साल और 4 मानसून में शूट किया गया था। इस वजह से फिल्म का बजट भी प्लानिंग की तुलना में काफी बढ़ गया था। बता दें, इस फिल्म में सोहम शाह लीड एक्टर और प्रोड्यूसर थे।
