
इलाहाबाद हाई कोर्ट
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में बनी एक मस्जिद में बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगा दी। फतेहपुर जिले की मदीना मस्जिद के ध्वस्तीकरण पर हाई कोर्ट ने 23 मई को अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है।
कोर्ट ने दो हफ्ते के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया
हाई कोर्ट के जज मनीष कुमार निगम ने राज्य सरकार को वक्फ सुन्नी मदीना मस्जिद समिति द्वारा दायर याचिका पर दो हफ्ते के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है। साथ ही मस्जिद के ध्वस्तीकरण के आदेश को चुनौती दी गई है।
हैदर अली ने हाई कोर्ट में दायर की थी याचिका
वक्फ सुन्नी मदीना मस्जिद समिति के अध्यक्ष हैदर अली द्वारा जिला राजस्व अधिकारियों द्वारा मस्जिद को गिराए जाने के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की थी। इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए जज मनीष कुमार निगम ने गुरुवार को राज्य सरकार को दो हफ्ते में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
सबूत दाखिल करने का नहीं दिया गया मौका
याचिकाकर्ता ने कोर्ट को तर्क दिया कि मस्जिद को गिराने का आदेश 22 अगस्त, 2024 को केवल इस आधार पर पारित किया गया था कि उसने ग्राम सभा की जमीन पर अतिक्रमण किया था। याचिकाकर्ता ने आगे कहा कि पूरी कार्यवाही 26 दिनों की अवधि के भीतर पूरी कर ली गई। उसे अपने मामले के समर्थन में सबूत दाखिल करने का कोई मौका नहीं दिया गया।
कुछ सालों से विवादों के केंद्र में है ये मस्जिद
बता दें कि फतेहपुर की मदीना मस्जिद फतेहपुर जिले के मलवां थाना क्षेत्र में कोटिया रोड पर स्थित है। कुछ सालों से ये मस्जिद विवादों के केंद्र में है। यह मस्जिद सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा 1976 में आवंटित तीन बिस्वा जमीन पर बनाई गई थी। इसका उपयोग सालों से नियमित नमाज के लिए किया जाता रहा है। हालांकि, इस मस्जिद को लेकर कानूनी और प्रशासनिक विवाद चल रहे हैं।
