
सीएम देवेंद्र फडणवीस
फिल्म अभिनेता और डायरेक्टर महेश मांजरेकर ने एक पोडकास्ट में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के मुखिया राज ठाकरे का इंटरव्यू किया। इस इंटरव्यू में महेश मांजरेकर ने राज ठाकरे से कई तीखे सवाल पूछे। इस दौरान सवाल पूछने के क्रम में महेश मांजरेकर ने राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे को एक साथ राजनीतिक रूप में आने का सवाल पूछा। इसे लेकर राज ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र और मराठी के मुद्दे पर वे साथ आने के लिए तैयार हैं, लेकिन यही इच्छा उनकी भी होनी चाहिए। इस मामले पर अब महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर दोनों एक साथ आते हैं तो हमें खुशी होगी। कोई अगर अपने मतभेद भूलकर एक साथ आना चाहता है तो इसमें बुरा मानने वाली बात नहीं है।
क्या बोले देवेंद्र फडणवीस
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मुझे लगता है, जो हमारा मीडिया है, वह इस विषय के ऊपर अधिक विचारी करती है। थोड़ा समय दीजिए, अगर आएंगे तो हम स्वागत करेंगे। उद्धव ठाकरे ने कुछ शर्ते रखी हैं, जैसे लोकसभा में राज ठाकरे ने भाजपा का समर्थन दिया, जो लोग आपसे घर पर मिलने आ रहे हैं, उन्हें समर्थन मत दीजिए, उसके बाद बात करेंगे। ऑफर देने वाले वह हैं, रेस्पॉन्ड करने वाले दूसरे हैं। शर्त रखने वाले वह हैं, अब इसपर मैं क्या बोलूं आप उनसे ही पूछिए। देवेंद्र फडणवीस ने आगे कहा कि पहली बात तो यह है कि अगर वह साथ में आते हैं तो हमें खुशी है। अगर बिछड़े लोग एक साथ आते हैं तो यह अच्छी बात है। इसमें बुरा मानने की कोई बात नहीं है। एक बात मैं आज आपको बता देता हूं, चाहे बीएमसी का चुनाव हो, चाहे लोकल बॉडी के चुनाव हो भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में हमारी महायुति सभी चुनाव जीतेगी।
क्या था सवाल और क्या बोले राज ठाकरे?
पॉडकास्ट में महेश मांजरेकर ने राज ठाकरे से सीधा सवाल किया, क्या आप और उद्धव दोनों एक साथ आ सकते हैं, क्या ये महाराष्ट्र की इच्छा है? इस पर राज ठाकरे ने कहा, ‘किसी भी बड़े उद्देश्य के लिए हमारे बीच के मतभेद , झगड़े, बहुत छोटे हैं। महाराष्ट्र बहुत बड़ा है। इस महाराष्ट्र के अस्तित्व के लिए मराठी व्यक्ति के अस्तित्व के लिए हमारे बीच के झगड़े और विवाद का कोई महत्व नहीं है। वे निर्रथक हैं। इसलिए एक साथ और काम करना मेरे लिए कोई बड़ी बात नहीं है।’ इसके साथ ही ठाकरे ने कहा, ‘लेकिन मुद्दा सिर्फ इच्छा का है। यह सिर्फ मेरे अकेले के इच्छा या मेरे अकेले के स्वार्थ का मुद्दा नहीं है। मुझे लगता है, हमें बड़े उद्देश्य की ओर देखने की जरूरत है। मैं देख रहा हूं तो मुझे तो लगता है कि महाराष्ट्र के सभी राजनैतिक दलों के मराठी लोगों को एक साथ मिलकर एक ही पार्टी शुरू करनी चाहिए।’
