April 23, 2025 4:15 am

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‘बंगाली हिंदू पहले पूर्वी पाकिस्तान से भागकर आए और अब…’, ममता सरकार पर भड़के सुवेंदु अधिकारी

Suvendu Adhikari, West Bengal, violence victims, detention camps
Image Source : PTI
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी नेता स्वप्न दासगुप्ता और सुवेंदु अधिकारी।

कोलकाता: भारतीय जनता पार्टी के नेता सुवेंदु अधिकारी ने शनिवार को पश्चिम बंगाल सरकार पर गंभीर आरोप लगाए गैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने हिंसा से प्रभावित लोगों के लिए बनाए गए राहत शिविरों को ‘निरूद्ध केंद्रों’ (डिटेंशन कैंप) में बदल दिया है। इन शिविरों में प्रशासन किसी बाहरी व्यक्ति को पीड़ितों से मिलने या उनकी स्थिति देखने की ‘अनुमति नहीं दे रहा’ है। विधानसभा में विपक्ष के नेता अधिकारी ने ममता बनर्जी की सरकार पर हिंसा से प्रभावित लोगों के साथ ‘अमानवीय’ व्यवहार करने का भी आरोप लगाया।

‘तृणमूल कांग्रेस सरकार आपकी मदद के लिए नहीं आएगी’

अधिकारी ने बाद में कोलकाता में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के घर से श्यामा प्रसाद मुखर्जी के पैतृक घर तक बीजेपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों की एक रैली का नेतृत्व करते हुए तृणमूल कांग्रेस की सरकार की ‘तुष्टीकरण की नीति’ की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह नीति बंगाल को ‘एक और बांग्लादेश’ बना देगी और ‘हिंदू बंगालियों को उनके घरों से बाहर कर दिया जाएगा।’ उन्होंने कहा, ‘आप (बंगाली हिंदू) कभी तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में अपना सामान और संपत्ति छोड़कर यहां आकर बस गए थे। जब आपको फिर से अपने घरों से निकाल दिया जाएगा, यह तृणमूल कांग्रेस सरकार आपकी मदद के लिए नहीं आएगी।’

‘हमलों के बाद कम से कम 10000 लोग बेघर हो गए’

अधिकारी ने दावा किया कि 11 और 12 अप्रैल को मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज, धुलियान, सुती और जंगीपुर में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में हिंदू समुदाय की संपत्तियों पर हमले हुए। इन हमलों के बाद कम से कम 10000 लोग बेघर हो गए। उन्होंने TMC सरकार पर वोट बैंक की राजनीति के लिए सीमावर्ती जिलों की सुरक्षा केंद्रीय बलों को सौंपने का विरोध करने का आरोप लगाया। उन्होंने मांग की कि ‘मुर्शिदाबाद सहित सीमावर्ती जिलों के कुछ संवेदनशील इलाकों में बीएसएफ जैसे केंद्रीय बलों की निगरानी होनी चाहिए ताकि जिहादी तत्वों को खुली छूट न मिल सके। केंद्रीय एजेंसियों को न केवल दौरा करना चाहिए, बल्कि उनकी ओर से कार्रवाई भी होनी चाहिए।’

‘लोगों को आत्मरक्षा के लिए हथियार रखने दिया जाए’

अधिकारी ने सीमावर्ती जिलों में ‘उत्पीड़न’ का सामना कर रहे लोगों को आत्मरक्षा के लिए हथियार रखने की अनुमति देने की वकालत की। उन्होंने कहा, ‘हर किसी को आत्मरक्षा का अधिकार है।’ बाद में, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने मुर्शिदाबाद के 2 हिंसा प्रभावित लोगों का परिचय दिया। उन्होंने घोषणा की कि बीजेपी और इसके सहयोगी संगठन जिले में तोड़फोड़ किए गए घरों को फिर से बनाने के लिए संसाधन जुटाएंगे। इस प्रेस वार्ता में राज्यसभा सांसद स्वप्न दासगुप्ता भी मौजूद थे।

‘सरकार अपना अमानवीय चेहरा दिखा रही है’

सुवेंदु अधिकारी ने ‘X’ पर एक पोस्ट में दावा किया था कि धुलियान और शमशेरगंज में लोग, खासकर महिलाएं और बच्चे, अपनी ‘गरिमा’ बचाने के लिए घर छोड़ने को मजबूर हुए। वे भागीरथी नदी के पार वैष्णवनगर क्षेत्र में परलालपुर हाई स्कूल और अन्य नजदीकी स्कूलों में शरण ले रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया, ‘सरकार अपना अमानवीय चेहरा दिखा रही है और मीडिया तथा स्वयंसेवी संगठनों को विस्थापित लोगों से बातचीत करने की इजाजत नहीं दे रही है। उन्हें घटिया किस्म का चावल खाने को दिया जा रहा है। पुलिस विस्थापितों के लिए NGO द्वारा दान किए गए खाने को स्थानीय गोदामों में जमा कर रही है।’

‘झूठे मामले बनाकर NGOs काउत्पीड़न किया जा रहा’

अधिकारी ने यह भी दावा किया कि विस्थापितों की मदद के लिए आगे आए NGOs के खिलाफ झूठे मामले बनाकर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। नंदीग्राम से बीजेपी विधायक ने कहा, ‘अपने घर-बार छोड़कर पलायन करने वाले लोगों के साथ ऐसा व्यवहार क्रूर, अमानवीय और लोकतांत्रिक सिद्धांतों के खिलाफ है। यदि मानवाधिकारों का ऐसा हनन जारी रहा तो हम अदालत का रुख करेंगे।’ बहरामपुर से कांग्रेस के पूर्व सांसद अधीर चौधरी ने भी सरकार पर आरोप लगाया कि वह पीड़ित परिवारों को उनके घरों में वापस लौटने के लिए कोई व्यवस्था नहीं कर रही है।

मुस्लिम बहुल इलाकों में हुई झड़पों में 3 लोग मारे गए

चौधरी ने दावा किया कि पुलिस मीडिया और विस्थापितों के रिश्तेदारों व दोस्तों को राहत शिविरों में उनसे मिलने की ‘इजाजत नहीं दे रही’ है। वहीं, TMC महासचिव कुणाल घोष ने कहा कि बीजेपी जैसी विपक्षी पार्टियां राज्य को अस्थिर करने की कोशिश कर रही हैं और वे सामान्य स्थिति बहाल नहीं होने देना चाहतीं। बता दें कि 11 और 12 अप्रैल को वक्फ अधिनियम में संशोधन के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुए हमलों के बाद करीब 400 लोग, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे, धुलियान और शमशेरगंज से मालदा के वैष्णवनगर चले गए। मुस्लिम बहुल इलाकों में हुई सांप्रदायिक झड़पों में 3 लोग मारे गए और सैकड़ों लोग बेघर हो गए। (रिपोर्ट: ओंकार सरकार)

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Amogh News
Author: Amogh News

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