
सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्लीः वक्फ संशोधन कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर गुरुवार को दूसरे दिन सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने केंद्र सरकार को जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। इसके बाद याचिकाकर्ताओं को पांच दिन के अंदर अपना जवाब दाखिल करना होगा। मामले की अगली सुनवाई पांच मई को होगी। आज कोर्ट में क्या-क्या हुआ आइए जानते हैं।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दी ये दलीलें
सुनवाई के दौरान केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलीलें दी। इनके अलावा राकेश द्विवेदी और रणजीत कुमार ने भी बचाव पक्ष की तरफ से बहस किया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र सरकार की तरफ से आश्वासन दिया है कि फिलहाल कोई चेंज नहीं होने जा रहा है।
एसजी तुषार मेहता ने कहा कि मैं सम्मान और चिंता के साथ कुछ कहना चाहता हूं। यह अदालत प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोक पर विचार कर रही है, जो दुर्लभ है। एसजी ने कहा कि प्रथम दृष्टया कुछ सेक्शन पर रोक लगा दिया जाए, यह ज्यादा आगे जाने वाली बात होगी। सरकार और संसद लोगों को जवाब देने के लिए बाध्य हैं। निजी संपत्तियां और गांव के गांव वक्फ संपत्तियां बन गई हैं। तभी यह कानून लाया गया है।
एसजी तुषार मेहता ने कोर्ट से मांगा एक सप्ताह का समय
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि जब तक मामला अदालत में है, स्थिति यथावत रहनी चाहिए। एसजी तुषार मेहता ने किसी भी अंतरिम आदेश पारित करने से पहले केंद्र को एक सप्ताह का समय देने पर जोर दिया। एसजी ने कहा कृपया मुझे कुछ दस्तावेजों के साथ प्रारंभिक जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दें। यह ऐसा मामला नहीं है जिस पर इस तरह से विचार किया जा सके।
सीजेआई ने कही ये बातें
सीजेआई ने कहा कि हमने कहा था कि कानून में कुछ सकारात्मक बातें हैं। हमने कहा है कि पूर्ण रोक नहीं लगाई जा सकती। लेकिन हम यह भी नहीं चाहते कि मौजूदा स्थिति में बदलाव हो, ताकि इसका असर हो। सीजेआई ने कहा कि हमारे सामने जो स्थिति है उसके आधार पर हम आगे बढ़ रहे हैं। हम नहीं चाहते कि स्थिति पूरी तरह से बदल जाए। हम एक्ट पर रोक नहीं लगा रहे हैं। सीजेआई ने कहा कि दो विकल्प है। आपने कल कहा था कि रजिस्ट्रेशन होगा। इस पर एसजी ने कहा कि अभी तो दस्तावेज सामने पेश करने दीजिए। एक सप्ताह में कुछ नहीं होगा।
