
श्रीमद १००८ पार्श्वनाथ कथा का त्रि दिवसीय आयोजन संगम कॉलोनी जबलपुर में आचार्य भगवंत गुरुदेव श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज एवं आचार्य श्री १०८ समय सागर जी महाराज के मंगल आशीर्वाद से निर्यापक श्रमण मुनि श्री प्रसाद सागर जी , मुनि श्री पद्म सागर जी, एवं मुनि श्री शीतल सागर जी महाराज , आर्यिका 105 श्री पुराणमति माताजी एवं आर्यिका 105 श्री दिव्यमति माताजी के मंगल सानिध्य में चल रहा है कथा के दूसरे दिन अनुपम धर्म प्रभावना के साथ भगवान के तीर्थंकर प्रकृति के बंध का वर्णन किया गया और भगवान के गर्भ कल्याणक के बारे में बताया गया तथा महिला मंडल द्वारा १६ स्वप्नों का सुंदर चित्रण किया गया , तदुपरान्त मुनि श्री ने अपने मंगल प्रवचन के माध्यम से उपस्थित भव्य जन को अपने भावों को संभालने की सीख दी और बताया कैसे भावना भव नाशिनी है जैसे सिक्के के दो पहलू होते है वैसे ही जीवन के दो पहलू है सुख एवं दुख परंतु दोनो में समता परिणाम रख कर अपना कल्याण किया जा सकता है इसी अवसर पर पूर्वाचार्यों की गुरुवा वली का पाठ किया गया और भक्तो ने धर्म भक्ति के मर्म को समझते हुए जाना की कैसे गुरुदेव श्री विद्यासागर जी महाराज एवं समय सागर जी महाराज में प्रतिलक्षित होते है
