मैं ख्वाब
तू ताबीर जिसकी,
मैं रास्ता
तू मंजिल जिसकी,
मैं शायर
तू नज़म जिसकी,
मैं दीवाना
तू आशिकी जिसकी,
मैं बारिश
तू बूँदे जिसकी,
मैं नयन
तू पलके जिसकी
मैं बादल
तू बिजली जिसकी,
मैं सागर
तू लहरे जिसकी
मैं सावन
तू शिव जिसकी,
मैं जिस्म
तू रुह जिसकी!!!
रचनाकार : गौरव शाह,नोएडा (उत्तर प्रदेश)
