April 22, 2025 8:51 pm

April 22, 2025 8:51 pm

Search
Close this search box.

क्या है वक्फ बोर्ड? जिसे बचाने के लिए अंग्रेजी हुकूमत लाई नया एक्ट, नरसिम्हा राव सरकार ने बढ़ाई उसकी ताकत

वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन को लेकर चर्चा  - India TV Hindi


वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन को लेकर चर्चा

केंद्र की मोदी सरकार वक्फ बोर्ड के अधिकारों पर अंकुश लगाने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार जल्द ही वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन से जुड़ा एक बिल संसद में पेश कर सकती है। ऐसी भी चर्चा है कि 5 अगस्त को ही सरकार इसे संसद में ला सकती है। इसके तहत वक्फ बोर्ड अधिनियम में 40 से अधिक संशोधनों किए जा सकते हैं। ऐसे में वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन की चर्चाओं के बाद इसके पीछे के इतिहास को जानना अहम हो जाता है। वक्फ बोर्ड का गठन क्यों किया गया और इसमें वक्फ को क्या अधिकार मिलते हैं। आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताएंगे-

वक्फ बोर्ड की जरूरत क्यों पड़ी?

वक्फ एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ होता है खुदा के नाम पर अर्पित वस्तु। यानी ऐसी जमीनें जो किसी व्यक्ति या संस्था के नाम नहीं है, लेकिन मुस्लिम समाज से संबंधित हैं, वो वक्फ की जमीनें होती हैं। इसमें मस्जिद, मदरसे, कब्रिस्तान, ईदगाह, मजार आदि की जगहें शामिल हैं। एक वक्त के बाद ऐसा देखा गया कि ऐसी जमीनों को गलत तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है और यहां तक की बेची भी जा रही है। इसके मद्देनजर वक्फ बोर्ड मुस्लिम समाज की जमीनों पर नियंत्रण रखने के लिए बनाया गया।

किस तरह की जमीनों पर है दावा?

वक्फ बोर्ड देशभर में जहां भी कब्रिस्तान की घेरेबंदी करवाता है, उसके आस-पास की जमीन को भी अपनी संपत्ति करार दे देता है। ऐसे में मजारों और आस-पास की जमीनों पर वक्फ बोर्ड का कब्जा हो जाता है। 1995 का वक्फ एक्ट कहता है कि अगर वक्फ बोर्ड को लगता है कि कोई जमीन वक्फ की संपत्ति है तो यह साबित करने की जिम्मेदारी उसकी नहीं, बल्कि जमीन के असली मालिक की होती है। जमीन का असली मालिक बताएगा कि कैसे उसकी जमीन वक्फ की नहीं है। वहीं, 1995 का कानून यह जरूर कहता है कि किसी निजी संपत्ति पर वक्फ बोर्ड अपना दावा नहीं कर सकता।

1955 में लाया गया नया वक्फ अधिनियम

देश की आजादी के 7 साल बाद 1954 में वक्फ अधिनियम पहली बार पारित किया गया। उस समय देश के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू थे। उनकी सरकार वक्फ अधिनियम लेकर आई, लेकिन बाद में इसे निरस्त कर दिया गया। इसके एक साल बाद 1955 में फिर से नया वक्फ अधिनियम लाया गया। इसमें वक्फ बोर्ड को अधिकार दिए गए। बाद में 1964 में केंद्रीय वक्फ परिषद का गठन किया गया, जो अल्पसंख्यक मंत्रालय के अधीन था। इसका काम वक्फ बोर्ड से संबंधित कामकाज के बारे में केंद्र सरकार को सलाह देना होता है। 

एक्ट में पहली बार कब किया गया बदलाव?

वक्फ परिषद के गठन के लगभग 30 साल बाद साल 1995 में पीवी नरसिम्हा राव की नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने वक्फ एक्ट में पहली बार बदलाव किया। उन्होंने वक्फ बोर्ड की ताकत को और भी बढ़ा दिया। उस संशोधन के बाद वक्फ बोर्ड के पास जमीन अधिग्रहण के असीमित अधिकार आ गए। साल 2013 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए-2 सरकार में वक्फ एक्ट में फिर से संशोधन लाकर और अधिक ताकत दिया था।

अंग्रेजी हुकूमत के दौरान भी हुआ था विवाद

वक्फ को लेकर विवाद अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है। वक्फ की संपत्ति पर कब्जे का विवाद लंदन स्थित प्रिवी काउंसिल तक पहुंचा था। अंग्रेजी हुकूमत के दौरान ब्रिटेन में जजों की एक पीठ बैठी और उन्होंने इसे अवैध करार दिया था, लेकिन ब्रिटिश भारत की सरकार ने इसे नहीं माना और इसे बचाने के लिए 1913 में एक नया एक्ट लाई।

निरस्त करने के लिए बिल किया गया पेश

8 दिसंबर 2023 को वक्फ बोर्ड (एक्ट) अधिनियम 1995 को निरस्त करने का प्राइवेट मेंबर बिल राज्यसभा में पेश किया गया था। यह बिल उत्तर प्रदेश से बीजेपी सांसद हरनाथ सिंह यादव ने पेश किया। राज्यसभा में इस बिल को लेकर विवाद भी हुआ और उस समय इस बिल के लिए मतदान भी कराया गया। तब बिल को पेश करने के समर्थन में 53, जबकि विरोध में 32 सदस्यों ने मत दिया। उस दौरान भाजपा सांसद ने कहा था कि ‘वक्फ बोर्ड अधिनियम 1995’ समाज में द्वेष और नफरत पैदा करता है।

वक्फ बोर्ड के अधिकारों पर विवाद

बता दें कि वक्फ बोर्ड के अधिकार में चल और अचल संपत्तियां आती हैं। इन संपत्तियों के रखरखाव के लिए राष्ट्रीय से लेकर राज्य स्तर पर वक्फ बोर्ड होता है। वर्तमान में वक्फ बोर्ड के पास 8,65,644 अचल संपत्तियां हैं। अल्पसंख्यक मंत्रालय ने दिसंबर 2022 में इसके बारे में लोकसभा में जानकारी दी थी। हालांकि, सबसे अधिक विवाद वक्फ के अधिकारों को लेकर है, क्योंकि वक्फ एक्ट के सेक्शन- 85 में इस बात पर जोर दिया गया है कि बोर्ड के फैसले को कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती है। 

ये भी पढ़ें- 

वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पर AIMIM विधायक का बयान, बोले- BJP और RSS की नीयत में खोट है

वक्फ बोर्ड के अधिकारों पर लगाम लगाने की तैयारी, पेश हो सकता है बिल, ओवैसी भड़के

Source link

Amogh News
Author: Amogh News

Leave a Comment

Read More

1
Default choosing

Did you like our plugin?

Read More